कोटद्वार पौड़ी मोटरमार्ग पर कोटद्वार से लगभग १३ किलोमीटर आगे खोह नदी के किनारे समुद्र की सतह से ६०० मीटर की ऊंचाई पर मुख्यमार्ग पर स्थित है "दुर्गादेवी मन्दिर"। आधुनिक मन्दिर सड़क के पास स्थित है परन्तु प्रचीन मन्दिर आधुनिक मन्दिर से थोड़ा नीचे एक १२ फीट लम्बी गुफा में स्थित है जिसमें एक शिवलिंग स्थित है। स्थानीय निवासी इस मन्दिर में बड़ी श्रद्धाभक्ति से देवी की पूजा करते हैं। उनका विश्वास है कि मां दुर्गा जीवन में आने वाले हर संकंट से उन्हे बचाती है। चैत्रीय व शारदीय नवरात्र में यहां भक्तों का तांतां लगा रहता है इस दौरान यहां कई श्रद्धालु भण्डारे का आयोजन करते हैं। श्रावणमास के सोमवार और शिवरात्रि को बड़ी संख्यां में शिवभक्त यहां भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने आत्ते हैं । इस अवसर पर शिवभक्त देवी के दर्शन करना भी नहीं भूलते हैं।
यहां स्थित गुफा में दीर्घकाल से ही निरंतर धूनी जलती रहती है। कहा जाता है कि अनेकों बार मां दुर्गा का वाहन सिहं मन्दिर में आकर मां दुर्गा के दर्शनकर शान्त भाव से लौट जाता है। यहां रह रहे महात्माओं पर उसने कभी कुदृष्टि तक नहीं डाली। देवी के मन्दिर निर्माण में भी एक रोचक घटना छिपी हुई है। कहा जाता है कि यह मन्दिर पूर्व में बहुत छोटे आकार में हुआ करता था। किन्तु दुगड्डा कोटद्वार के बीच सड़क निर्माण कार्य में व्यवधान आने पर ठेकेदार द्वारा भव्य मन्दिर की स्थापना की गई तो कार्य तीव्र गति से सम्पन्न हुआ। मन्दिर के आसपास हरेभरे जंगल व नीचे नदी के किनारे विशाल चट्टानें इस स्थान की सुन्दरता पर चार चांद लगा देती हैं। वैसे तो आये दिन यहां लोगों की आवजाही रहती है, परन्तु सप्ताहान्त पर लोग यहां नदी किनारे पर्यटन हेतु आते हैं।
देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रवेशद्वार कोटद्वार में लालढांग मार्ग, देवी रोड़ पर स्थित है माता सुखरौदेवी का मन्दिर। पौराणिक जनश्रुतियों के अनुसार जहां यह सुखरौदेवी मन्दिर स्थित है उस स्थान पर द्वापर युग में महाराजा दुश्यन्त द्वार...
कोटद्वार भाबर क्षेत्र की प्रमुख एतिहासिक धरोहरों में कण्वाश्रम सर्वप्रमुख है जिसका पुराणों में विस्तृत उल्लेख मिलता है। हजारों वर्ष पूर्व पौराणिक युग में जिस मालिनी नदी का उल्लेख मिलता है वह आज भी उसी नाम से पुकारी जाती है...
गढ़वाल के प्रवेशद्वार कोटद्वार कस्बे से कोटद्वार-पौड़ी राजमार्ग पर लगभग ३ कि०मी० आगे खोह नदी के किनारे बांयी तरफ़ एक लगभग ४० मीटर ऊंचे टीले पर स्थित है गढ़वाल प्रसिद्ध देवस्थल सिद्धबली मन्दिर। यह एक पौराणिक मन्दिर है । कहा जात...