Tuesday March 19, 2024
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देहरादून

उत्तराखण्ड के उत्तर-पश्चिमी कोने पर बसा जनपद देहरादून उत्तराखण्ड राज्य की शिवालिक पर्वत श्रृंखला की दून घाटी में स्थित है। जहां एक ओर देहरादून जनपद की उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी सीमा उत्तरकाशी जनपद से, पूर्वी सीमा टिहरी गढ़वाल से, दक्षिण-पूर्व सीमा पौड़ी गढवाल तथा दक्षिणी व दक्षिण-पश्चिम सीमा हरिद्वार से मिलती हैं वही दूसरी ओर दक्षिण-पश्चिम सीमा उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जनपद व उत्तर-पश्चिमी सीमा हिमाचल प्रदेश के सिरमौर (नाहन) जनपद से मिलती हैं। उत्तराखण्ड व हिमाचल प्रदेश के बीच में टौंस व यमुना दो प्रमुख नदियां दोनों राज्यों की सीमा-रेखा निर्धारित करती हैं। जनपद देहरादून का कुल क्षेत्रफल ३०८८ किमी, जनसंख्या घनत्व ५५० व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी०, साक्षरता ८५.२४% (९०.३२% पुरुष, ७९.६१% महिला), लिंग अनुपात १०००:९०२ है । यह जनपद भांति-भांति की संस्कृतियों का संगम स्थान है। तीन पर्वतीय, एक मैदानी तथा दो राज्यों से मिले होने के कारण ही यह जनपद अत्यधिक प्रगति कर पाया है।

देहरादून जनपद की जलवायु समशीतोष्ण है। जनपद उष्णकटिबंधीय मैदानी तथा पर्वतीय दोनों ही तरह के क्षेत्रों से परिपूर्ण है। जनपद का तापमान मैदानी, पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई में अन्तर के कारण अलग अलग रहता है । पर्वतीय क्षेत्रों में गर्मियों में मौसम खुशगवार रहता है परन्तु मैदानी इलाकों में गर्मी काफी होती है लेकिन आस-पास के सहारनपुर तथा हरिद्वार जिलों की अपेक्षाकृत कम पड़ती है। सर्दियों में तापमान न केवल पर्वतीय क्षेत्रों में बल्कि देहरादून में भी हिमांक से नीचे चला जाता है, जबकि जनपद की उच्च चोटियां बर्फ से ढकी रहती हैं। जून से लेकर सितंबर तक का समय जनपद में वर्षाकालीन समय होता है । जुलाई और अगस्त दो माह में सबसे ज्यादा वर्षा होती है।

देहरादून नगर जनपद का मुख्यालय होने के साथ-साथ उत्तराखण्ड की राजधानी भी है । ब्रिटिश राज के दौरान शहर देहरा के रूप में जाना जाता था, जबकि जिला देहरादून के रूप में जाना जाता था । यह नगर शिवालिक पर्वतश्रृंखला की तलहटी में समुद्रतल से लगभग ६४० मीटर (२१०० फीट) कीं ऊंचाई पर स्थित है। इसके उत्तर में मध्य हिमालय, दक्षिण में शिवालिक पर्वतश्रृंखला पूर्व में गंगा नदी व पश्चिम में यमुना नदी है । लगभग ३०० वर्ग किमी० के क्षेत्रफल में बसे इस नगर का अपना ही प्राचीन इतिहास रहा है। पौराणिक सन्दर्भ में स्कन्दपुराण के केदारखण्ड में इस क्षेत्र को शिव की निवासस्थली के रूप में उल्लेख किया गया है। महाकाव्य महाभारत के अनुसार द्वापर युग में यह स्थान कौरवों और पाण्डवों के गुरू द्रोणाचार्य का निवास व टपकेश्वर में उनकी तपस्थली होने के कारण "द्रोण-नगरी" के नाम से वर्णित है। यह स्थान कई गौरवशाली एतिहासिक घटनाक्रमों का साक्षी भी रह चुका है। देहरादून से मात्र ५६ किमी० दूर कालसी में महान मौर्य सम्राट अशोक (२३२ ईसा पूर्व से २७३ ईसा पूर्व) के शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं। आधुनिक देहरादून की स्थापना १६९९ में हुई थी। कहा जाता है कि सिक्खों के गुरू रामराय किरतपुर पंजाब से आकर यहां बस गये थे, मुगल सम्राट औरंगजेब ने उन्हें कुछ ग्राम टिहरी नरेश से दान में दिलवा दिये थे। उन्होनें यहां १६९९ ई० में मुगल मकबरों से मिलता जुलता मन्दिर भी बनवाया था जो कि आज बहुत प्रसिद्ध है। ऐसा भी कहा जाता है कि गुरू का यह डेरा जो कि दून घाटी में स्थित था "डेरा-दून" कहलाया जिसका अपभ्रशं आज "देहरादून" के नाम से जाना जाता है।

देहरादून जनपद में ६ तहसील (देहरादून, चकराता, विकासनगर, कालसी, त्यूनी और ऋषिकेश), ६ सामुदायिक विकासखण्ड (चकराता, डोइवाला, कालसी, रायपुर, सहसपुर तथा विकासनगर), १७ शहर तथा ७८२ गांव हैं । वर्ष २०११ के आंकड़ों के अनुसार यह जनपद उत्तराखण्ड का हरिद्वार के बाद दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला जनपद है। देहरादून राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से २३० किमी की दूरी पर स्थित है. प्राकृतिक सुंदरता में समृद्ध होने के साथ साथ यह शहर कई प्रसिद्ध शैक्षिक संस्थानों के लिए जाना जाता है. तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग, सर्वे ऑफ इंडिया, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोलियम आदि जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान यहाँ स्थित हैं। देहरादून में वन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज और भारतीय सैन्य अकादमी जैसे कई शैक्षिक संस्थान स्थित हैं। यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. विशेष रूप से, बासमती चावल, चाय और लीची के बाग़ इसकी लोकप्रियता बढ़ाते रहे हैं। यहां की प्रमुख फसलों में गन्ना, उड़द, आम, अमरूद, आड़ू, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, जौ, सरसों, आलू, गेहूं, मक्का, अरहर हैं। देहरादून में हिन्दी, गढ़वाली, पंजाबी, नेपाली भाषा बोलने वाले लोगों की प्रधानता है।

आवागमन के मुख्य साधनों में उत्तराखण्ड परिवहन निगम की बसें हैं जो देहरादून जनपद को उत्तराखण्ड के अन्य जनपदों से तथा उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल व हरियाणा से जोड़ती हैं। यहां से प्राईवेट टैक्सी उत्तराखण्ड व भारतवर्ष के सभी स्थानों के लिये हर समय आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। स्थानीय परिवहन में यहां टैम्पो तथा आटोरिक्शा चलते हैं। जनपद में पांच रेलवे स्टेशन हैं रायवाला, ऋषिकेश, डोईवाला, हर्रावाला तथा देहरादून। देहरादून रेलवे स्टेशन शहर के केंद्र से सिर्फ २ किमी की दूरी पर स्थित है । रेलवे स्टेशन उत्तर रेलवे के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत है। देहरादून रेलवे स्टेशन एक्सप्रेस गाड़ियों से दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य भागों के साथ जुड़ा हुआ है। शताब्दी एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस, मसूरी एक्सप्रेस और देहरादून एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां दिल्ली और देहरादून के बीच चल रही हैं। हालांकि रेलवे स्टेशन से इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) लगभग ३ किमी० दूरी पर स्थित है परन्तु मसूरी और गढ़वाल के कुछ और स्थानों के लिये बस स्टेशन रेलवे स्टेशन के साथ ही स्थित है। यही से कुछ दूरी पर मुख्य टैक्सी स्टैंड भी है। देहरादून जनपद दिल्ली से विमान सेवा से भी जुड़ा हुआ है। एअरपोर्ट जौलीग्रांट देहरादून से लगभग २५ किमी० की दूरी पर स्थित है जो कि देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार तीनों स्थानों के केन्द्र पर स्थित है।

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