नन्दा देवी राजजात के पड़ाव - पाँचवाँ पड़ाव - सेम से कोटी
Vinay Kumar Dogra । August 22, 2014 | पर्व तथा परम्परा |
नन्दा देवी राजजात के पड़ाव - पाँचवाँ पड़ाव - सेम से कोटी
आज २२-अगस्त-२०१४ को श्री नन्दादेवी राजजात सेम से कोटी के लिये रवाना हो रही है। सेम से कोटी जाने के लिये धरकोट तक थोड़ा चढ़ाई है। धरकोट, घण्डियाल व सिमतोली गाँव में पूजा पाकर यात्रा सिमतोली धर पहुँचती है। यहाँ के बाद नौटी नहीं दिखाई देता है। यहां पर नंदा बार बार अपने मायके नौटी की ओर लौटने की ओर उत्सुक होती है। यहाँ पर भगवती से कोटीस प्रर्थना की जाती है इसीलिये धर के दूसरी तरफ के गाँव का नाम कोटी पड़ा है। कोटी गाँव में ड्यूँडी ब्राह्मणों का मूल गाँव है। वे राजवंशी कुंवरों के आमंत्रण पर 2 दिन पूर्व कांसुवा में नंदा को लेने पहुंच जाते हैं। यात्रा नन्दादेवी मन्दिर व नन्दाकुण्ड में पहुँचती है। यहां पर मन्दिर के नीचे जलधरा गिरती है तथा एक बड़ा कुण्ड है। इस कुण्ड का जल पवित्र माना जाता है। यहीं पर खण्डूरा, रतूड़ा, चूलाकोट, थापली, बगोली के लाटू की छंतोली, स्वर्का का केदार देवता यात्रा में शामिल होते हैं। रात में मन्दिर में जागरण होता है। कोटी में राजराजेश्वरी नन्दादेवी के दो मन्दिर हैं। लाटू व जीतू बगड़वाल का मन्दिर भी गाँव में है।
लेख साभार : श्री नन्दकिशोर हटवाल
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