Thursday November 21, 2024
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कण्डोलिया देवता, कण्डोलिया, पौड़ी गढ़वाल पौड़ी

कण्डोलिया देवता, कण्डोलिया, पौड़ी गढ़वाल पौड़ी
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कण्डोलिया देवता

कण्डोलिया देवता वस्तुत: चम्पावत क्षेत्र के डुंगरियाल नेगी जाति के लोगों के इष्ट "गोरिल देवता" है। कहा जाता है कि डुंगरियाल नेगी जाति के पूर्वजों ने गोरिल देवता से यहां निवास करने का अनुरोध किया था जिन्हे वे पौड़ी गांव अपने साथ लाये थे। ये लोग अपनी वृद्धावस्था के कारण अपने इष्टदेव को "कण्डी" में लाये थे। पहले उन्होने इनकी स्थापना पौड़ी गांव के पंचायती चौक में की थी लेकिन यह स्थान गहराई में होने के कारण गोरिल देवता ने स्वयं को शिखर पर स्थापित करने को कहा। इसके उपरान्त पौड़ी नगर के शीर्ष शिखर पर देवता की स्थापना की गई तथा स्थानीय क्षेत्रपाल के रूप में देवता की पूजा की जाने लगी। कहा जाता है कि क्योंकि इनको यहां कण्डी में लाया गया था अत: इनको "कन्डोलिया देवता" के नाम से जाना जाने लगा। कालान्तर में आसपास का क्षेत्र भी कण्डोलिया के नाम से पहचाना जाने लगा। स्थानीय जन समाज में कण्डोलिया देवता की बोलन्दा देवता के रुप में पूजा की जाती है। मान्यता है कि गोरिल अर्थात कण्डोलिया देवता किसी घटना या विपत्ति का पूर्वाभास होते ही सारे नगर को आवाज लगाकर सचेत कर देते थे।

कण्डोलिया देवता के मन्दिर में दूर दूर से आकर भक्तजन मन्नत मांगते हैं। कण्डोलिया मंदिर में कई वर्ष पूर्व स्थानीय निवासियों ने मिलकर भण्डारे के आयोजन की शुरुआत की थी। यही भण्डारा अब विस्तृत मेले का रूप ले चुका है जिसमें सभी वर्गों के लोग शामिल होते हैं। धार्मिक आस्था के प्रतीक इस मन्दिर में जून माह में होने वाले त्रिदिवसीय वार्षिक भण्डारे में स्थानीय व प्रवासी श्रद्धालुओं द्वारा आवश्यक रूप से उपस्थिति दर्ज की जाती है। पौड़ी शहर से २ किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण स्थान पर यह मन्दिर स्थित है। प्राकृतिक सौन्दर्य से अनुपम इस क्षेत्र में ऊंचे ऊंचे चीड़, देवदार, बांज, बुरांश, काफल इत्यादि के सघन वृक्ष हैं। जिला प्रशासन द्वारा मन्दिर के समीप ही पार्क विकसित किया है। नगर से नियमित रुप से समय-समय पर इस स्थान तक पहुंचने के लिये टैक्सी, बस सेवा चलती रहती है।

साभार : वीरेन्द्र खंकरियाल [पौड़ी और आस पास]



फोटो गैलरी : कण्डोलिया देवता, कण्डोलिया, पौड़ी गढ़वाल पौड़ी

Comments

1

deepak kala | August 03, 2013
love u god.

2

Praveen Rawat | August 02, 2013
Jai Kandoliya Thakur

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